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प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया को संक्षेप में समझाइए | With PDF

 प्रकाश संश्लेषण एक जैविक प्रक्रिया है जिसके द्वारा हरे पौधे, शैवाल और कुछ बैक्टीरिया सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड और जल का उपयोग करके ऑक्सीजन और ऊर्जा-संचित कार्बोहाइड्रेट, मुख्यतः ग्लूकोज, का निर्माण करते हैं। यह प्रक्रिया दो चरणों में संपन्न होती है—प्रकाश प्रतिक्रिया, जिसमें सूर्य की ऊर्जा को एटीपी और एनएडीपीएच में परिवर्तित किया जाता है, और अंधकार प्रतिक्रिया (कैल्विन चक्र), जिसमें इन ऊर्जा अणुओं का उपयोग कर कार्बन डाइऑक्साइड से ग्लूकोज का निर्माण किया जाता है। प्रकाश संश्लेषण न केवल जीवमंडल के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत है, बल्कि यह पृथ्वी के वायुमंडल में ऑक्सीजन के संतुलन को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों में प्रकाश की तीव्रता, कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता, तापमान और जल की उपलब्धता शामिल हैं। आधुनिक वैज्ञानिक शोधों के माध्यम से प्रकाश संश्लेषण की गहरी समझ हमें कृषि विकास और पर्यावरण संरक्षण में नई तकनीकों को अपनाने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करती है।

प्रकाश संश्लेषण का चित्र

प्रकाश संश्लेषण: एक विस्तृत अध्ययन

भूमिका

प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) प्रकृति की सबसे महत्वपूर्ण जैविक प्रक्रियाओं में से एक है। यह प्रक्रिया हरे पौधों, शैवाल और कुछ बैक्टीरिया द्वारा सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में कार्बन डाइऑक्साइड और जल से ऑक्सीजन और ऊर्जा-संरक्षित कार्बोहाइड्रेट (मुख्यतः ग्लूकोज) का निर्माण करने के लिए की जाती है। इस प्रक्रिया के बिना, पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं होता क्योंकि यह जैविक समुदायों के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत है।



प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया

प्रकाश संश्लेषण दो मुख्य चरणों में संपन्न होती है:

1. प्रकाश प्रतिक्रिया (Light Reactions)

यह प्रतिक्रिया थायलाकोइड झिल्लियों में होती है और सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में घटित होती है। इस चरण में:

·         प्रकाश ऊर्जा को क्लोरोफिल द्वारा अवशोषित किया जाता है।

·         जल अणुओं का विघटन (Photolysis) होता है, जिससे ऑक्सीजन, प्रोटॉन और इलेक्ट्रॉन्स मुक्त होते हैं।

·         इलेक्ट्रॉन्स की गति से एटीपी (ATP) और एनएडीपीएच (NADPH) का निर्माण होता है।

2. अंधकार प्रतिक्रिया (Dark Reactions) या कैल्विन चक्र

यह प्रतिक्रिया स्ट्रोमा में होती है और इसे कार्बन स्थिरीकरण प्रतिक्रिया (Carbon Fixation Reaction) भी कहते हैं। इसमें:

·         एटीपी और एनएडीपीएच का उपयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड से ग्लूकोज का संश्लेषण किया जाता है।

·         इस प्रक्रिया में राइबुलोज बाइफॉस्फेट (RuBP) नामक यौगिक की मदद से कार्बन डाइऑक्साइड का स्थिरीकरण होता है।

प्रकाश संश्लेषण की समीकृति (प्रकाश संश्लेषण का सूत्र) 

प्रकाश संश्लेषण को निम्नलिखित समीकृति के रूप में व्यक्त किया जा सकता है:

6CO₂ + 6H₂O + प्रकाश ऊर्जा C₆H₁₂O₆ + 6O₂ 

  • 6CO₂: 6 कार्बन डाइऑक्साइड अणु
  • 6H₂O: 6 जल अणु
  • प्रकाश ऊर्जा: सूर्य का प्रकाश
  • C₆H₁₂O₆: 1 ग्लूकोस अणु (चीनी)
  • 6O₂: 6 ऑक्सीजन अणु

प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करने वाले कारक

1.      प्रकाश की तीव्रता: अधिक प्रकाश की उपस्थिति में प्रकाश संश्लेषण की दर बढ़ जाती है।

2.      कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता: इसकी अधिकता से ग्लूकोज निर्माण की प्रक्रिया तेज होती है।

3.      तापमान: उच्च तापमान से एंजाइम सक्रिय होते हैं, लेकिन अत्यधिक गर्मी इसे बाधित कर सकती है।

4.      जल की उपलब्धता: जल की कमी से प्रकाश संश्लेषण बाधित होता है क्योंकि यह प्रक्रिया जल के विघटन पर निर्भर करती है।

प्रकाश संश्लेषण का महत्व

1.      ऑक्सीजन का उत्पादन: यह प्रक्रिया पृथ्वी के वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा बनाए रखने में मदद करती है।

2.     ऊर्जा का स्रोत: यह सभी जीवों को ऊर्जा प्रदान करता है।

3.      खाद्य श्रृंखला का आधार: पौधों द्वारा उत्पादित कार्बोहाइड्रेट सभी जीवों के पोषण का प्राथमिक स्रोत है।

निष्कर्ष

प्रकाश संश्लेषण प्रकृति की एक अद्भुत और आवश्यक प्रक्रिया है जो पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने में सहायक है। वैज्ञानिकों द्वारा इस प्रक्रिया के गहन अध्ययन से हमें पर्यावरण संरक्षण और कृषि विकास में नई तकनीकों को विकसित करने में सहायता मिल रही है।

 


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