🌟 सपनों का पीछा – मेहनत और लगन से सफलता की ओर प्रेरणादायक कहानी 🌟
हर बड़ा सपना किसी छोटे से गांव या साधारण परिस्थिति से भी शुरू हो सकता है — फर्क सिर्फ सोच और लगन का होता है। यही कहानी है एक छोटे से गांव के एक लड़के, रवि, की, जिसने हालातों से हार मानने के बजाय, उन्हें अपनी ताकत बना लिया।
🌱 संघर्षों से भरी शुरुआत
रवि एक गरीब परिवार से था, जो एक छोटे से गाँव में रहता था जहाँ न तो अच्छे स्कूल थे, न किताबें, और न ही कोई ऐसा व्यक्ति जो उसे मार्गदर्शन दे सके। पर रवि की आँखों में एक चमक थी — बड़ा वैज्ञानिक बनने का सपना। जब वह अपने सपने किसी से साझा करता, तो लोग हँसते और कहते, "अरे रवि, यह सब सपने छोड़ और खेतों में काम कर। यही तेरी किस्मत है।"
लेकिन रवि के लिए सपना सिर्फ देखने की चीज़ नहीं थी, वह उसे जीना चाहता था। चाहे उसके पास साधन न हों, पर उसके पास संकल्प और साहस की कमी नहीं थी।
📻 एक टूटा रेडियो और नई शुरुआत
एक दिन रवि को जंगल में घूमते हुए एक पुराना और टूटा हुआ रेडियो मिला। जहाँ कोई और बच्चा उसे कचरा समझकर छोड़ देता, वहीं रवि की आँखों में आशा चमक उठी। उसने रेडियो को अपने घर लाया और खुद ही उसे ठीक करने की ठानी।
रात-दिन मेहनत कर के, उसने रेडियो को चलाया। और जब वह रेडियो चला, तो उसमें से वैज्ञानिकों की प्रेरणादायक कहानियाँ, आविष्कारों की बातें, और विज्ञान की बातें सुनाई दीं। यह रवि के जीवन का टर्निंग पॉइंट था। उसने सोचा –
"अगर ये लोग कठिनाईयों से लड़कर कुछ कर सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं?"
📚 ज्ञान की ओर पहला कदम
अब रवि ने पुरानी किताबें इकट्ठा कीं, गाँव के बाहर से लोगों से किताबें माँगी, और हर दिन कुछ नया सीखने लगा। वह रात को मिट्टी के तेल वाले लालटेन की रौशनी में पढ़ता, क्योंकि बिजली नहीं थी। जब दूसरे बच्चे खेलते, वह पढ़ता रहा।
धीरे-धीरे उसकी मेहनत रंग लाने लगी। एक दिन शहर के एक प्रतिष्ठित स्कूल से उसे छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) मिली। वह अपने गाँव से पहली बार शहर गया। यह सब आसान नहीं था — नई भाषा, नया माहौल, और शहर की तेज़ ज़िंदगी — पर रवि रुका नहीं।
🧪 सपना हुआ साकार
शहर में भी रवि ने वही मेहनत जारी रखी। पढ़ाई में अव्वल रहा, विज्ञान की प्रयोगशालाओं में घण्टों बिताता, सवाल पूछता, खोज करता। और एक दिन वही रवि, जो कभी लोगों के लिए मजाक का कारण था, बन गया देश का एक जाना-माना वैज्ञानिक।
वह आज अपने गाँव का गर्व है। उसने वहाँ एक छोटा साइंस सेंटर भी बनवाया, ताकि गाँव के दूसरे बच्चों को वो संसाधन मिल सकें जो उसके पास नहीं थे।
💡 कहानी से क्या सीखें?
मुश्किलें आएँगी, लोग हँसेंगे, लेकिन अगर आप ठान लें, तो कुछ भी असंभव नहीं है।
सपनों का पीछा करना आसान नहीं होता, लेकिन उसका फल जीवन बदल देता है।
बच्चों के लिए संदेश:
बच्चों, अगर तुम्हारे दिल में कोई सपना है — डॉक्टर बनना, वैज्ञानिक, खिलाड़ी या कुछ और — तो कभी हार मत मानो। रास्ता कठिन होगा, लेकिन अगर रवि जैसे बच्चे कर सकते हैं, तो तुम भी कर सकते हो।
अपने सपनों का पीछा करो, क्योंकि सपने देखने वालों की ही दुनिया बदलती है|
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