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ईमानदारी की सीख



गाँव के एक छोटे से स्कूल में अर्जुन नाम का एक छात्र पढ़ता था। वह बहुत होशियार था लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से था। उसके पिता किसान थे, जो बड़ी मुश्किल से घर का खर्च चला पाते थे। अर्जुन को पढ़ाई का बहुत शौक था, लेकिन कभी-कभी किताबों और ज़रूरी सामान की कमी उसकी राह में बाधा बन जाती थी।

ईमानदारी की सीख

 

एक दिन स्कूल में परीक्षा होने वाली थी। अर्जुन ने कड़ी मेहनत की थी, लेकिन परीक्षा से एक दिन पहले उसकी किताब कहीं खो गई। वह बहुत परेशान हुआ, क्योंकि उस किताब में उसके सारे नोट्स थे। उसने पूरी कोशिश की लेकिन किताब नहीं मिली।

अगले दिन जब परीक्षा शुरू हुई, तो उसने देखा कि पास बैठा छात्र किताब से नकल कर रहा था। अर्जुन के मन में भी विचार आया कि वह मदद ले सकता है, लेकिन उसने तुरंत इसे झटक दिया। उसे अपने माता-पिता की मेहनत और अपनी ईमानदारी पर भरोसा था।

अर्जुन ने बिना किसी मदद के परीक्षा दी। जब परिणाम आया, तो वह अच्छे अंकों से पास हुआ, जबकि नकल करने वाला छात्र पकड़ा गया और उसे फेल कर दिया गया। अर्जुन की ईमानदारी और मेहनत देखकर प्रधानाचार्य ने उसे छात्रवृत्ति देने का फैसला किया, जिससे उसकी आगे की पढ़ाई आसान हो गई।

सीख

विद्यार्थी जीवन में ईमानदारी और मेहनत का बहुत महत्व होता है। कठिनाइयाँ आती हैं, लेकिन अगर हम सच्चाई और परिश्रम का दामन थामे रहें, तो सफलता निश्चित रूप से मिलती है
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